Category:Films directed by Ashok Patel
पुत्रदा एकादशी ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
आप सभी मित्रो एवं स्नेहीजनो को मेरा अशोक पटेल का सादर नमस्कार . आज रविवार २४ जनवरी २०२१ को पौष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी है, जिसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.... आज हम पुत्रदा एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करने जा रहे है.. भगवान् वासुदेव का स्मरण करते हुए उनसे प्रार्थना करते है की अगर जाने अनजाने हमसे कुछ चुक हो तो भगवनपुत्र हम पहले से भगवान् वासुदेव एवं एकादशी माता की अंतरात्मा से माफ़ी चाहते है... (व्रत कथा पुराण पुस्तकों के अध्ययन के आधारित है) पुत्रदा एकादशी व्रत कथा पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान की लम्बी आयु, सुख-समृद्धि के साथ संतान प्राप्ति की कामना रखने वाले सभी नर-नारी रख सकते है.. माना जाता है की एकादशी व्रत नियमो का पालन करने वालो के सभी कष्ट भगवन श्री हरी समाप्त कर वैकुंठमें वास सेते है.. संतान प्राप्ति के लिए इसदिन भगवान् श्री कृष्णा के बाल स्वरुप की पूजा की जाती है.. इसदिन सुबह जल्दी से उठा कर पति-पत्नी को साथ-साथ भगवान् की पूजा करनी चाहिए. भवान श्री हरी को पीले फल, तुलसी, पीले फुल, पंचामृत इत्यादि अर्पित करना चाहिए. इसके बाद संतान गोपाल मंत्र एवं विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करना चाहिए. एकादशी के दिन भगवान् को पंचामृत का भोग लगाना उचित माना गया है...
धार्मिक कथाओ के अनुसार.... भद्रावती राज्य मे सुकेतुमान नामक राजा राज करते थे.. उनकी धर्म-पत्नी का नाम शैव्या था.. राजा के पास यश, वैभव, कीर्ति, धन सबकुछ था, लेकिन कमी थी तो सिर्फ पुत्र की.. वे अन्दरोंदर से दुखी होते थे की मृत्यु के पश्च्यात उनको तर्पण देने वाला कोई नहीं होगा.. उन्हें हमेशा उनके पिंडदान की चिंता सताए जाती थी.. इसे में एकदिन दुखी होकर राजाने अपने प्राण देने की सोची, लेकिन धार्मिक स्वाभाव के राजा को आत्महत्या पाप है का विचार आया, और उन्होंने यह विचार त्याग दिया.. राजा का मन राज-काज में नहीं लग रहा था.. एक दिन राजा अपने घोड़े पर सवार होकर जंगल की तरफ चल निकले.. राजा को जंगल में पशु-पक्षी, सर्पइत्यादि जीवो को अपने परिवार के साथ देख बहुत दुःख होने लगा, ये सब देख कर उनके शरीर की ऊर्जा मानो नष्ट हो रही थी, उनको पानी पिने की आवश्यकता लगने लगी, वे थोड़े आगे निकले तो उन्हें एक तलब दिखाई दिया, उन्होंने सोचा की मै यहाँ से थोडा जल ग्रहण कर के फिर अपने महेल की तरफ प्रस्थान करूँगा, तालाब में हंश, बताक, मगरमच्छ बहोत थे.. राजा का मन दुखी हुआ और उन्हें बुरे विचार आने लगे, वे तालाब के किनारे बैठ गए.. तभी उन्हें तालाब के किनारे रुशिमुनियोके आश्राम देखे, राजा आश्रम में गए तो दिव्य मुनि उन्हें वहा देख प्रसन्न हुए.. य्न्होने राजा को पूछा, राजन आप कुछ परेशां से दिख रहे हो, आप अपनी इच्छाए बताये... राजा ने दुखी मन से अपनी व्यथा मुनि को बताई. मुनिओ ने राजा को एक एकादशी व्रत का उपाय बताया, राजाको मुनिओ ने पुत्रदा एकादशी व्रत रखने को कहा, राजाने पूरी श्रद्धा और भाव पुर्वाक व्रत रखा और द्वादशी के दिन पुरे विधि-विधान के साथ व्रत का पारण किया. इसके फल स्वरुप रानी ने कुछ दिनों बाद गर्भ धारण किया, और नौ माह बाद राजा को पुत्र की प्राप्ति हुई. शुभम भवतु.. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय. Ashok Revabhai Patel (Ansh) (KHODAMBAWALA) Film Script Writer Prop. CHETANSH FILMS PRODUCTION – ARVALLI. (M) 9408881211
8160076162.
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